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सबक लें सभी देश

प्रतीकात्मक फोटो 
चीन में आर्थिक सुस्ती का असर दुनिया भर के बाजारों पर दिखाई दिया और भारतीय शेयर बाजार ने भी एक दिन में सबसे बड़ा गोता लगा लिया। सात जनवरी, 2009 के बाद प्रतिशत के लिहाज से बीएसई में 5.94 फ़ीसदी के साथ यह सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है। बीएसई सोमवार को 25,741.56 पर बंद हुआ।

यह घटना बताती है कि विश्‍व की सभी अर्थव्‍यवस्‍थाएं या बाजार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक की सु‍स्‍ती का असर दूसरे पर भी पड़ रहा है। सेंसेक्‍स की इस गिरावट से दुनियाभर के देशों को सबक लेने की जरूरत है, क्‍योंकि आंकड़े झूठ नहीं बोलते। इस एक घटना से सभी देशों को यह समझ लेना चाहिए कि अब समय आ गया है मिलकर काम करने का। एक-दूसरे के सहारे आगे बढ़ने का। 

खैर, निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि घबराने से काम नहीं चलेगा। काम चलेगा आत्‍मविश्‍वास बनाए रखने से। क्‍योंकि कोई भी स्थिति ज्‍यादा देर तक नहीं रहती। यह दौर भी निकल जाएगा और दुनियाभर की अर्थव्‍यवस्‍थाएं फिर पटरी पर लौटेंगी।

कुछ अहम तथ्‍य 


सेंसेक्स गिरने के कारण

 चीन के शेयर बाजार में 8.48 की गिरावट आई जिसने आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर/बैरल तक लुढ़की
अमेरिकी शेयर बाजार में भी 3.5% की जबर्दस्त कमी दर्ज की गई

रुपया गिरा, सोना चढ़ा


66.65 पर लुढ़का रुपया डॉलर के मुकाबले, जो दो साल का न्यूनतम स्तर है
27,565 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया सोना, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है

किसे कितना नुकसान


खुदरा निवेशकों को 65 हजार करोड़ रुपये का
संस्थागत निवेशकों को 01 लाख करोड़ रुपये का
विदेशी निवेशकों को 1.50 लाख करोड़ का
प्रवर्तकों को 04 लाख करोड़ रुपये का
(प्रवर्तक सूचीबद्ध कंपनियों के हैं। बीएसई मिडकैप में 8.81% और स्मॉल कैप में 7.68% की गिरावट हुई)


                                                                                                                         योगेश साहू

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