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हिंदी की बात तो होगी

प्रतीकात्मक फोटो 
अभी-अभी खबरों पर नजर दौड़ाई तो पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 सितंबर को भोपाल जाने वाले हैं। मोदी यहां दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसका समापन 12 सितंबर को गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे और समापन सत्र में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अपने विचार रखेंगे।

क्या अद्भुत संयोग जान पड़ता है ये। खासतौर पर अपने शहर भोपाल के लिए यह एक बड़ी खबर है। क्योंकि मध्यप्रदेश की धरती वो जगह है जिसने हिन्दी भाषा (खड़ी बोली) को समृद्ध बनाने वाले माखनलाल चतुर्वेदी, गजानन माधव मुक्तिबोध, कवि प्रदीप से लेकर निदा फाजली और बशीर बद्र जैसे महान लेखक दिए। जिन्होंने अपनी कलम से कई रचनाएं दीं और साहित्य की दुनिया में अलग मुकाम बनाया। राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अमिताभ बच्चन का भोपाल या मध्यप्रदेश की धरती से क्या नाता है यह बताने की जरूरत नहीं।

खैर, 1973 के बाद लगभग 32 वर्ष अंतराल पर भारत में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि इसमें 27 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और हिंदी में विशेष योगदान के लिए भारत के 20 और विदेश के अन्य 20 लोगों को सम्मानित किया जाएगा। सुषमा का दावा है ये अब तक का सबसे भव्य विश्व हिंदी सम्मेलन होगा।

विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत 1965 में नागपुर में हुई थी। मध्यप्रदेश सरकार की सहभागिता से दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में किया जाएगा। सुषमा स्वराज सम्मेलन की अध्यक्ष हैं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य संरक्षक हैं।
सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 5,000 हिंदी प्रेमियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। बाकी मीडिया या अन्य आधिकारिक तौर पर आमंत्रित या आमजन अलग से होंगे।

नीतीश को भी आमंत्रण

राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता, सिर्फ रास्ते अलग-अलग होते हैं। इसी वजह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस सम्मेलन में आमंत्रित किया है। बिहार में विधानसभा चुनाव की गर्मागर्मी तो चल ही रही है। इस बीच इस तरह के राजनीतिक शिष्टाचार के अलावा सरकार की ओर से आमंत्रित लोगों की सूची भी बनाई जा रही है।

हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाने के लिए चाहिए समर्थन

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में धन की कोई अड़चन नहीं है बल्कि इसके लिए 129 देशों का समर्थन चाहिए। एेसे में वर्तमान में जिस तरह से देश आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यह कोई असंभव सा काम नहीं है।

आज हर देश में भारतीयों की मौजूदगी है। यही नहीं स्वयं विदेशी भी चाहे वे अमेरिकी हों, जापानी हों या फिर चीनी हों, सभी में हिंदी सीखने और हिंदी भाषी देश भारत को जानने-समझने की उत्सुकता दिखाई देती है। यह हिंदी के बढऩे और फलने-फूलने के लिए बेहद जरूरी भी है। भाषा कोई भी हो, उसका सम्मान और उससे प्रेम करना चाहिए।

सम्मेलन में बोलेंगे बिग बी 

आम तौर से फिल्मी हस्तियों से परहेज करने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन में इस बार बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया है। बिग बी को 'आओ अच्छी हिंदी बोलें' विषय पर व्याख्यान देना है। समापन सत्र बिग बी के नाम ही रहेगा। अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन को कौन नहीं जानता।

चलते-चलते यह सहज भाव जहन में कौंधता है कि यह सम्मेलन हिंदी को बढ़ावा देने में कितना सफल होगा, ये तो वक्त ही बताएगा। हिंदी के प्रति प्रेम रखने वाले और उसे समृद्ध होते देखने वालों की नजरें जरूर इस सम्मेलन पर होंगी। जो भी हो, हिंदी के लिए हिंदी में बात तो होगी ही।
                                                                                                         योगेश साहू

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