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सर्जिकल स्ट्राइक: हर जवान अपना कर्तव्य निभाता है

प्र‍तीकात्‍मक तस्‍वीर
बड़ी खुशी की बात है, भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से अपने अट्ठारह जवानों का बदला उन आतंकियों से ले लिया है। जिन्होंने अपने चंद घुसपैठियों को भेजा था। लेकिन एक बात मेरे मन में तैर रही है कि क्या जवानों के शहीद होने का ये सिलसिला कभी थमेगा?
दिल से तो यही आवाज आती है कि किसी जवान की शहादत नहीं होनी चाहिए। हर जवान अपना कर्तव्य को निभाता है। वो भी पूरी मुश्तैदी के साथ। चाहे फिर वो हमारा भारतीय जवान हो या पाकिस्तान का या फिर दुनियाभर में किसी और देश का। भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों के मारे जाने का किसी को अफसोस नहीं है, हो भी नहीं सकता और कतई होना भी नहीं चाहिए। हालांकि पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की ओर से हुई गोलीबारी में उसके दो जवान शहीद हुए हैं।
यदि यह बात सच है तो आज उन जवानों के परिवार में भी ठीक वैसा ही मातम होगा जैसा हमारे अट्ठारह जवानों के शहीद होने पर उनके घरों और देश में था। यहां एक कहावत भी याद आती है ‘करे कोई, भरे कोई।’ घुसपैठी आतंकियों की करतूत ने भारत को नुकसान पहुंचाया और भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तान को। इस संघर्ष में आखिरकार जान गंवाई हमारे और उनके जवानों ने।
काश, ऐसा होता कि कोई जवान शहीद न होता। सभी अपनी ड्यूटी पूरी करते और छुट्टियों में घर लौटते। अपने परिवार से मिलते, बच्चों के साथ हंसते-बोलते और खेलते। इस तरह अपने घर-परिवार के साथ खुशियों के पल बिताकर वापस अपने ड्यूटी पर लौट जाते। लेकिन ये दुर्भाग्य है कि आतंकियों की नफरत फैलाने की घिनौनी करतूत का खामियाजा देश की रक्षा में जुटे जवानों को अपना बलिदान देकर उठाना पड़ता है।
आज पूरी दुनिया आतंकवाद का दंश झेल रही है। पाकिस्तान को क्या यह नहीं दिखाई देता कि आतंकियों को पनपने देने से उसके खुद के लिए मुश्किलें खड़ी होती हैं। दुनियाभर के देश उसे कोसते हैं। भारत भी अपने इस बिगड़ैल भाई को हिदायतें देता रहा है। लेकिन कभी-कभी सिर्फ हिदायतों से काम नहीं चलता, कुछ सख्त कदम भी उठाने पड़ते हैं।
ठीक वैसे ही जैसे एक मां अपने बच्चे की शरारतों को पहले तो नजरअंदाज करती है लेकिन जब शरारतें हद से ज्यादा हो जाती हैं तो उसे चपत लगाकर गलती दोबारा न करने का सख्त संदेश भी दे देती है। भारतीय कार्रवाई भी कुछ ऐसी ही है। सख्त और कड़ा संदेश, पाकिस्तान के लिए भी और आतंकियों के लिए भी। सुधर जाओ वरना सुधार दिए जाओगे।
अंत में भारतीय जवानों को सलाम जिन्होंने भारत के मान-सम्मान के लिए हर कुर्बानी दी और बलिदान के लिए हमेशा तत्पर रहे।
                                                                                                                             योगेश साहू

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