आपबीती : कोरोना महामारी से जूझते हुए हम
कोरोना वायरस जब से अपने नए-नए स्वरूपों के साथ पूरी दुनिया में फैला है, इसने लाखों लोगों की जान ले ली है। बस इतना ही नहीं, यह आज भी लाखों लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है। कारण कि इसकी वजह से कई लोगों ने जान गंवाई है तो वहीं कई लोग परेशानियां झेल रहे हैं। ऐसे लोगों की फहरिस्त में अब मेरा नाम भी जुड़ गया है। हालांकि अभी तक तो सबकुछ ठीक ही है। जैसा कि मेरे डॉक्टर ने कहा- जान का जोखिम नहीं है। परंतु डॉक्टर की इस बात को सुनकर सतर्कता और सावधानी को कम नहीं किया जा सकता। हाल यह है कि रह-रहकर खांसी आ रही है। कभी तेज हो जाती है तो कभी धीमी। खांसी के तेज होने पर डर सताने लगता है कि कहीं शरीर के अंदर कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं चल रही है। ऐसी गड़बड़ जिसके बारे में मैं खुद और डॉक्टर भी अनजान हैं। क्योंकि हमारी चिकित्सा व्यवस्था अभी इतनी आधुनिक नहीं हुई है कि शरीर के अंदर की हर बारीक से बारीक गड़बड़ी को पकड़ सके। जैसी कि विज्ञान फंतासी से ओतप्रोत फिल्मों में हमें दिखाया जाता है। बहरहाल, मुझे लगता है कि यह सारी बातें लिखकर कम से कम मैं अपने जहन और मन को तो शांत कर पाऊंगा। अपने अंदर की बातों का जाहि