थॉर्डिस और टॉम के साहस को सलाम
प्रतीकात्मक फोटो दोस्तों, अमूमन देखने को मिलता है कि रेप पीड़िताएं अवसादग्रस्त हो जाती हैं। आत्महत्या कर लेती हैं। या फिर गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाती हैं। समाज उन्हें सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता, उनका दोष न होते हुए भी उन्हें एक दोषी की तरह नकार दिया जाता है। यहां तक कि दोषी कोर्ट-कचहरी से साक्ष्यों के अभाव में बरी तक हो जाते हैं। यह स्थिति लगभग-लगभग दुनिया के हर हिस्से में है। पर अमेरिकी राज्य सैन फ्रांसिस्को से आई एक खबर ने दुनिया भर की महिलाओं को साहस के साथ जीने की राह दिखाई है। जी हां, यहां एक रेप पीड़ित महिला ने स्वयं आगे आकर अपनी कहानी लोगों को बताई। सिर्फ यही नहीं रेप करने वाला शख्स भी उनके साथ इस कहानी को सुनाने के लिए आगे आया। दोनों ने मिलकर रेप की घटना के बाद गुजरे वक्त और उस दौरान मिले अनुभवों को लोगों के साथ साझा किया। यह अपने आप में एक साहसपूर्ण कार्य है, जिसकी सराहना किए बगैर नहीं रहा जा सकता। एक महिला का इस तरह अपनी कहानी बयां करना उसके लिए कोई आसान नहीं रहा होगा। यह कहानी है थॉर्डिस एल्वा की। जो कि 20 साल पूर्व 1996 में रेप का शिकार हुईं। उनके साथ रेप